जिन्हें मैं चूम लेना चाहता था, उन्हीं हाथों में खंजर देखता हूँ

 जिन्हें मैं चूम लेना चाहता था, उन्हीं हाथों में खंजर देखता हूँ


सिकन्दराराऊ

 एकता साहित्य संस्था के तत्वावधान में नगर के स्मृतिशेष कवि बलवीर सिंह पौरुष के स्मृति दिवस पर मोहल्ला नौखेल में स्थित उनके पुत्र रंजीत सिंह पौरुष के आवास पर  "एक शाम पौरुष के नाम काव्य सन्ध्या" का आयोजन किया गया। जिसमें बलवीर सिंह पौरुष को याद करते हुए कवि एवं शायरों ने जबरदस्त काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर के वयोवृद्ध कवि भद्रपाल सिंह चौहान और शिक्षाविद डॉ. शरीफ अली ने की। संचालन युवाकवि अवशेष विमल ने किया।

अथितियों द्वारा माँ शारदे एवं बलवीर सिंह पौरुष के छविचित्र पर पुष्पार्पित एवं दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। 

कवयित्री गीता गीत की सरस्वती वंदना के बाद विवेकशील राघव ने पढ़ा - जिन्हें मैं चूम लेना चाहता था, उन्हीं हाथों में खंजर देखता हूँ। 

अलीगढ़ से पधारे कवि मनोज नागर ने पढ़ा - करें सर्जना व्यक्ति की, उसके निजी विचार। जैसी जिसकी सोच है, वैसा ही किरदार। 

इगलास से पधारे गाफिल स्वामी ने पढ़ा - जन जन के थे प्राण पियारे पौरुष जी। कवियों की आँखों के तारे पौरुष जी।

 कासगंज से पधारे शायर आतिश सोलंकी ने पढ़ा - राम के नाम वाले हैं, अलीबी आन वाले हैं। हमीं से है जहां रोशन, हमीं ईमान वाले हैं।

 युवा कवि राजकिशोर राज ने महाभारत की भूमि से पढ़ा - दे दो माँ! आदेश पिता का मैं सम्मान बचाऊँगा

। चक्र ब्यूह को तोड़ समर से जल्दी बापस आऊँगा। 

महेश यादव संघर्षी ने पढ़ा - सबसे प्यारी है हर माँ की ममता अमिट, पक्षियों को भी उड़ना सिखाती है माँ।

 देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा - कवि और शायर पौरुष जी को शत शत नमन हमारा है।

 यश भारती डॉ. विष्णु सक्सेना जी ने पौरुष जी के साथ अपनी स्मृतियाँ साझा करते हुए पढ़ा - एक माँ बाप का दिल है वरना, मुफ्त में कौन दुआ देता है।

उपरोक्त कवि शायरों के अतिरिक्त अलीगढ़ से पधारे रज्जाक नाचीज, एटा से पधारे आमिर एटवी, कासगंज से पधारे डॉ. मुहम्मद मियां, सतेंद्र भारद्वाज आभास, जमीर उद्दीन जमीर, प्रमोद विषधर, अवनीश यादव, नरेंद्र कुमार राही, बसीर कुरैशी रहबर, डॉ. दानिश कैफ़ी और रंजीत पौरुष ने काव्यपाठ किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से गणमान्य व्यक्तियों में रिंकू जैन, हनीश लेखपाल, त्रिभुवन नारायण शर्मा, बनवारीलाल, डॉक्टर बद्री विशाल, संतोष कोली, ज्ञानेंद्र सिंह, राजुल चौहान, संतोष सिंह, राजीव वार्ष्णेय, अध्यापक रवि शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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