बच्चे को मरा समझकर छोड़ गए थे, वह बच निकला, पहले भाभी को उतारा था मौत के घाट, फिर मासूम पर किया हमला
भाई की संपत्ति हड़पने के लिए भाई और भाभी की हत्या कर दी थी। हत्या के लिए पांच लाख रुपये सुपारी दी थी। पुलिस ने भाई सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी प्रवेन्द्र मृतक की दुकान के सामने चिकन बेचता था। जमीन पाने के लिए आरोपी बड़े भाई ने अपने भाई जितेंद्र की हत्या करने में साथ देने के लिए अपने साथी प्रवेन्द्र को पांच लाख का ऑफर दिया था। दोनों कई दिनों से जितेन्द्र की हत्या करने की योजना बना रहे थे। हर दिन यह दोनों चालीसा बाग में जाकर मिलते थे। दुकान को बंद करने के बाद आरोपी प्रवेन्द्र दुकान का सामान चाकू आदि मृतक के घर में रखकर जाता था। इसलिए उन्हें कोई चाकू बाहर से लाने की जरूरत न पड़े। सोमवार को दोनों सुबह करीब साढ़े छह बजे जितेंद्र के घर में घुस गए। सबसे पहले ऊपर बने कमरे में जाकर महिला प्रीति पर हमला किया। उसे घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे ले आए।
सिर में धारदार हथियार से कई बार प्रहार किए। इसके बाद तीन साल के बेटे अमन के सिर में चाकू से हमला किया। कुछ देर बाद जितेन्द्र अंदर घुसा। उसको भी पकड़ लिया और चाकू से एक बार में ही उसका गला काट दिया। बाद में चाकू से सिर में भी कई वार किए थे। घटना को अंजाम देने के बाद शटर बंद कर निकले गए थे। धमेंद्र ने शर्ट और चप्पल बाग में छिपा दी थी। प्रवेन्द्र ने अपने कपड़े तालाब में फेंक दिए थे, जिरसमी नहर के पास पहुंचकर दोनों ने देशी शराब पी और ऑटो में बैठकर अमांपुर चले गए। दोनों ने कपड़े बदले के बाद एक-दूसरे ने आपस में कॉल की। दोपहर एक बजे मृतक के घर पहुंचे और पूरा ड्रामा करने लगे थे। हत्या होने की खबर परिजनों और पुलिस को दे दी। प्रेसवार्ता के दौरान एएसपी धनंजय सिंह कुशवाहा, एसएचओ कोतवाली देहात सुनील कुमार सिंह मौजूद रहे।
घटना की जानकारी पर सबसे पहले मरथरा चौकी इंचार्ज नरेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और पुलिस, ग्रामीण शव निकलवा रहे थे तो वही आरोपी प्रवेन्द्र धमेंद्र के कान में बार-बार कुछ कह रहा था, जिसके बाद दरोगा को शक बढ़ा और उसे पकड़कर थाना भेजा गया। प्रवेन्द्र के शरीर पर देखा गया उसके हाथ कटे हुए थे और कई जगहों पर बैंडेड लगा रही थी, जिसके बाद पुलिस को उस पर ज्यादा शक हो गया। पुलिस शुरूआत में प्रवेन्द्र पर ही हत्या करने का शक जता रही थी। पूछताछ में उसने भाई धमेंद्र का नाम लिया तो पुलिस ने चौंक गई। दोनों से पूछताछ में पूरी हकीकत सामने आ गई थी।
हर पल मासूम बुला रहा है मां और पिता को एटा। हंसते खेलते परिवार को किसी की ऐसी नजर लगी कि पूरा परिवार नष्ट सा हो गया। धर्मेंद्र अब जेल चला गया। इस घटना के बाद अब कोई जिम्मेदार नहीं बचा। घायल अमन का आगरा में इलाज चल रहा है। उसका इलाज जितेंद्र के चचेरे भाई करा रहे हैं। मासूम की सुरक्षा के लिए भी परिवार के लोग चिंतित हैं। उसकी परवरिश कैसे होगी।
*आगरा में भर्ती अमन भी रोते हुए मां व पिता को बुला रहा है। उसे नहीं पता कि माता-पिता अब नहीं रहे। गांव से दूर घर में रहने के कारण वह परिवार के अन्य लोगों से अधिक परिचित नहीं था। माता-पिता के बाद वह दादी के पास खेलता था।*


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