पर्यटक स्थल घोषणा के विरोध में जैन समाज ने किया प्रदर्शन
राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा
अलीगंज- झारखण्ड के जिला गिरीडीह स्थित श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज को झारखण्ड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किए जाने से जैन समाज में आक्रोश है। सरकार के नोटिफिकेशन वापस कराने की मांग को लेकर स्थानीय जैन समाज के लोगों ने पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान महिला, पुरूष एवं बच्चे भी शामिल रहे। प्रातः जैन समाज के लोग मोहल्ला राधाकृष्ण स्थित जैन मंदिर पर एकत्रित हो गए। इसके बाद तहसील चौराहा, मैन बाजार, गांधी मूर्ति चौराहा होते हुए डाक बंगला स्थित नवीन तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए पहुंचे। समाज का कहना है कि पारसनाथ पर्वतराज बीस तीर्थंकरों एवं अनंतानंत संतों की मोक्षस्थली व तप साधना स्थली है। पारसनाथ पर्वतराज को ईको सेंसटिव जोन के अन्तर्गत पूर्व की तरह एक भाग को वन्य अभ्यारण्य तथा एक भाग को पवित्र जैन तीर्थ ही माना जाए। पर्वतराज तथा मधुवन को मांस मदिरा मुक्त बिक्री क्षेत्र घोषित किया जाए। वंदना मार्ग एवं परिक्रमा मार्ग को अतिक्रमण मुक्त व वाहन चालन मुक्त, अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त घोषित किया जाए। वन क्षेत्र में अवैध कटान, पत्थरों का खनन तथा महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित एवं दण्डनीय किया जाए।
समाज बन्धुओं ने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा हमारे पवित्र पर्वतराज को पूर्व की भांति पवित्र व तपस्वियों हेतु स्थाली घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि जैन समाज की भावनाओं को संज्ञान में लेकर तुरन्त प्रभाव से कार्यवाही कर नोटिफिकेशन जारी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नोटिफिकेशन को वापस नहीं किया तो वह आन्दोलन करने को विवश होंगे।
इस अवसर पर विमल प्रकाश जैन, अशोक कुमार जैन डॉ, मुकेश चन्द्र जैन, प्रताप चन्द्र जैन, सुनील कुमार, दिलीप कुमार, सुधीर जैन, वीरेन्द्र जैन, दिनेश चन्द्र जैन, योगेश चन्द्र जैन, राजेश चन्द्र जैन, राजेश बाबू, विनय जैन, पार्श्व प्रसाद जैन, संजय जैन, राजीव जैन, पंकज जैन, प्रवीन जैन, रवि जैन, शरद जैन, अजय जैन, अक्षय जैन, रिशांक जैन, सहदेव जैन, रितिक जैन, अनंत जैन, प्रथम जैन, धीरज जैन, मनोज जैन, विनोद जैन, डॉक्टर सुमन जैन श्रीमती रजनी जैनश्रीमती शोभा जैन, श्रीमती लता जैन, सविता जैन, अनुपम जैन, दयावती जैन सहित सभी जैनबन्धु मौजूद रहे।


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